तमाचा - 25 (चिंता)

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"बिंदु...ये ले इसको प्लेट में लेकर बाहर आजा ,आज साथ में खाते है।" विक्रम ने फास्टफूड का पैकेट बिंदु को थमाते हुए कहा और स्वयं हाथ धोने चला गया। बिंदु रसोई जाकर प्लेट ले के आती है और जब विक्रम आकर वहाँ बैठता है तो वह प्लेट और फास्टफूड का पैकेट डाइनिंग टेबल पर रखकर वहाँ से जाने लगती है। "क्या हुआ बेटी? कहाँ जा रही हो? आ जाओ पहले नाश्ता कर लो।" "नहीं पापा, मुझे अभी बिलकुल भूख नहीं है। आप खा लो मैं बाद में खा लूँगी।" बिंदु ने उदासी भरे स्वर में कहा। "फिर मैं भी बाद