ममता की छाँव - भाग 6  

  • 3k
  • 1
  • 1.5k

अंशिता बहुत खूबसूरत थी पढ़ी लिखी थी और बैंक में कार्यरत भी थी। उसके लिए तो रिश्तों की कोई कमी नहीं थी। इसी बीच उसके लिए कई अच्छे रिश्ते आने लगे लेकिन जब भी कोई रिश्ता आता वह मना कर देती।  एक दिन अंजलि और सौरभ ने अंशिता को पास बुलाया और फिर सौरभ ने पूछा, “अंशिता बेटा तुम हर रिश्ते के लिए बार-बार मना क्यों कर देती हो? इतने अच्छे-अच्छे रिश्ते आ रहे हैं। मना करने की कोई वज़ह मुझे तो नज़र नहीं आती।” अंजलि ने कहा, “अंशिता बेटा यदि तुम्हारे जीवन में कोई हो तो निःसंकोच बता दो।