अपने जीवन से अनीस और रमेश के जाने के बाद रेहाना ने फैसला कर लिया कि अब वह अकेली ही रहेगी।अब उसकी जिंदगी में दूसरा पुरूष नहीं आएगा। पर वह नहीं जानती थी कि एक स्त्री का अकेला रहना इतना कठिन हो सकता है। ''तुम्हारा जीवन एक रोमांचक उपन्यास है |'' एक दिन लीला ने उससे कहा था ।कभी -कभी वह भी सोचती है कि लीला ने कितना सत्य कहा था |सचमुच उसका जीवन एक उपन्यास ही है| जिसके कई अध्याय हैं |हर अध्याय अपने आप में एक पूरा जीवन है |अध्याय के पात्र अलग हैं ।उनकी परिस्थितियाँ अलग हैं