इश्क़ ए बिस्मिल - 56

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ये वही कमरा था जहाँ उसने उमैर को घर से जाने से पहले आखरी बार देखा था। उसे ऐसा महसूस हो रहा था उसका एहसास अभी तक इस कमरे में बाकी है। हदीद उसे इस कमरे में लेकर आया था। उमैर के कहने के मुताबिक वह वैसा नहीं कर पाया था। उसे ये काम खुद करना चाहिए था मगर जैसे वह उमैर के कमरे में आया उसे पूरा कमरा घूमता हुआ नज़र आ रहा था। उसे समझ नहीं आ रहा था क्या और कैसे करना है इसलिए वह अपनी माँ आसिफ़ा बेगम के पास गया था मगर उन्होंने तो उसकी