जिसे पिया चाहे वही सुहागन...

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सलीहा बेचारी दुबली पतली सी साँवली सी लड़की, सब कहते थे कि उसके सीने में शायद दिल नहीं था, क्योंकि अगर दिल होता तो वो ज़रूर खूबसूरत मर्दों को देखकर धड़कता,सलीहा बहुत काली थी, ऊपर से सींंक सी पतली,कमर का तो कुछ अता पता ही नहीं था,उसकी अम्मी उसे खिला खिलाकर परेशान थी लेकिन मजाल है की सलीहा के बदन में कुछ भी लग जाएं,उसके बदन पर माँस चढ़ने का नाम ही ना लेता था, रंग रुप अल्लाह ने ऐसा दिया था कि लोंग तौबा करते थे, लोग उसके वालिदैन पर तरस खाया करते थे कि न जाने किस जनम