शिवनाथ रत्न पुरस्कार 2022 से सम्मानित इस लघु उपन्यास में है प्रेम की तरंगें...सच्चे प्रेम को किसी बंधन में नहीं बांधा जा सकता है और यह सांसारिक संबंधों से अलग उच्चस्तर का,अनुभूतियों से परिपूर्ण और ईश्वर के श्री चरणों में ले जाने वाला होता है।जब वतन पर कोई संकट होता है तो एक सैनिक अपने वैयक्तिक प्रेम,घर,परिवार और संसार को छोड़कर तुरंत मातृभूमि की रक्षा के लिए चल पड़ता है।इस उपन्यास में एक तरफ वैयक्तिक प्रेम के गहरे एहसास हैं तो दूसरी तरफ है देश प्रेम की पराकाष्ठा....त्याग.....जय हिंद...