पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य - 3

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अध्याय ३ — "जीवन सत्ता का चैतन्य स्वरूप।"ए० एन० विडगेरी ने अपनी पुस्तक "कांटेंपोरेरी थॉट ऑफ ग्रेट ब्रिटेन" में इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि सांसारिक अस्तित्व के संबंध में जितनी खोज की जा रही है, उतना मानवी अस्तित्व के बारे में नहीं खोजा जा रहा है। लगता है— मानवी सत्ता, महत्ता और उसकी आवश्यकता को आँखों से ओझल ही किया जा रहा है अथवा चेतन को जड़ का अनुगामी सिद्ध किया जा रहा है। बौद्धिक प्रगति के यह बढ़ते हुए चरण हमें सुख-शांति के केंद्र से हटाकर ऐसी जगह ले जा रहे हैं, जहाँ हम यांत्रिक अथवा