कहानी बिल्ला नंबर – 64 ------------------------------------------------ शनिवार की वह रात… सारे काम निपटाकर कम्प्यूटर खोला और फेसबुक देखने लगा। पत्रकार मित्र, हरीश जी की वाल पर दिल को दहला देने वाली ख़बर थी… I “यह तो गद्दारी है कॉमरेड, तुम इस तरह अचानक हमें छोड़कर नहीं जा सकते, यह धोखा है, इस तरह खेल आधा छोड़कर कोई भागता है क्या, लौट आओ कॉम्रेड, अभी वाद - विवाद बाकी है ….." वाल पर आलोक जी की तस्वीर लगी थी। रात्रि के बारह बज रहे थे मुसलधार बारिश हो रही थी और ठीक उसी समय मित्र परमानंद जी का फोन