सात फेरे

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(नमस्कार प्रिय पाठकों (मित्रों) मेरे द्वारा लिखी यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक हैं । किसी भी व्यक्ति का नाम या कहानी का कोई क़िस्सा सयोंग ही होगा। कहानी के शीर्षक के आधार पर जो सात वचन मैंने लिए हैं वो वास्तविक हैं । कहानी का उद्देश्य समाज में महिलाओं की स्थिति को दर्शाना हैं किसी भी वर्ग की भावना को ठेस पहुँचाना नहीं हैं। ) तीर्थव्रतोद्यापन यज्ञकर्म मया सहैव प्रियवयं कुर्याः। वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति वाक्यं प्रथमं कुमारी।। कन्या वर से कहती है कि यदि आप कभी तीर्थयात्रा पर जाएं तो मुझे साथ लेकर जाइए। किसी भी व्रत-उपवास या अन्य