“सर!“ शेरा, अभिमन्यु का खास आदमी उसके सामने खड़ा हो गया था। “मैडम को मेरे कमरे के साथ वाले कमरे में पहुँचा कर आओ।” अभिमन्यु की नज़रे अब अनाहिता पर आ गई थी। “जी सर।” शेरा ने सिर झुकाया। अनाहिता को राहत महसूस हुई। उसे अभिमन्यु के साथ उसके कमरे में नही रहना था। उस का अपना कमरा होगा। उसे अच्छा महसूस हो रहा था। पर उसके मन में कई सवाल थे। उसके भी उसे जवाब चाहिए थे। वोह बिना कोई परेशानी खड़ी किए यहाँ तक तोह आ गई थी। पर इससे आगे का सफर वोह तै नही कर पा