यह कहानी पीपल वाले भूत की है. जो की आज हम आपको बताने जा रहे है. बात उन दिनों की है जब हर गाँव, बाग बगीचों में भूत प्रेतों का साम्राज्य था. गाँवों के अगल बगल में पेड़ पौधों की बहुलता हुआ करती थी . एक गाँव से दूसरे गाँव में जाने के लिए पग डंडियों से होकर जाना पड़ता था. कमजोर लोग खरखर दुपहरिया या दिन डूबने के बाद भूत प्रेत के डर से गाँव के बाहर जाने में घबराते थे या जाते भी थे तो हिम्मती आदमी दल का नेतृत्व करता था और बार बार अपने सहगमन साथियों