मेरे घर का रास्ता

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‘एक बात बतायेंगे आप?’‘क्या?’‘आप पुनर्जन्म पर विश्वास करते हैं?’‘कभी नहीं।’ दिनकर दृढ़ता से बोला।‘मैं तो करती हूँ और मेरे पास प्रभाण भी है।’‘कैसे?’‘आपकी पहली पत्नी सीता फिर से जीवित हो गई हैं।’‘?’ दिनकर को सांप सूँघ गया। वह मुँह फाड़ कर रेखा का चेहरा देखने लगा।’***‘दिनकर जी। मैं यहां से क्यों जा रही हूं? यह आपको बताने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मेरे जाने का कारण आप भली-भॉति समझते हैं। हॉ जाते-जाते इतनी आपसे विनती है कि जिसके ऑचल से खुशियॉ छीनकर आपने मेरी झोली भरनी चाही थी, उस निर्दोष का जीवन बरबाद होने से बचा लेना। उसको वह सब