तड़प इश्क की - 28

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अब आगे.................एकांक्षी की कोमा में जाने की बात सुनकर राघव का पारा हाई हो जाता है , , गुस्से में आकर उसने डाक्टर के गले से पकड़ते हुए कहा......" तुम डाक्टर किसी काम के नहीं हो , अपनी बिना सिर पैर की लाॅजिक लगा रहे हो...."वो डाक्टर अपना गला छुड़ाने की कोशिश करता हुआ कहता है...." देखिए सर हम अपनी तरफ से कोशिश कर रहे हैं..."राघव की आंखें गुस्से की वजह से लाल हो चुकी थी , , उसके गुस्से को शांत करने की हिम्मत किसी की नहीं हो रही थीं , राघव अपने बैक से पिस्टल निकाल कर उसपर