महुआ

  • 3.4k
  • 1.4k

जेनीफर की आंखों में ऐसी कौन सी कशिश और कैसा नशीलापन था कि साहिल अपनी पढ़ाई-लिखाई सब भूलकर अपनी जि़न्दगी का किनारा भी खो बैठा। जीवन-नैया जब लचकने लगी तो एन वक्त पर नीलम ने उसे डूबने से बचा तो लिया पर, प्यार की बारिश में भीगने का जो नज़राना साहिल को मिला, तो उसे पाकर वह लड़खड़ा क्यों गया? वक्त-­बेवक्त किये गये प्यार के समझौंतो पर प्रकाश डालती हुई शरोवन की एक मार्मिक कहानी। *** साहिल कल रात ही अपने काम से वापस आया था। थक कर चूर हो चुका था, इसलिये काफी देर तक सुबह सोता भी रहा