कमरे में बहुत अंधेरा था जब नर्मदा ने आवाज़ कोई सुन कर अपनी आँखें खोली। उसे कुछ पल लगा यह समझने में की वोह कहां है, और उसे याद था की जब वोह गांव के मेले से वापिस आई थी तो सो गई थी। उसे यह पक्का यकीन नही की वोह कब तक सोती रह गई थी क्योंकि वोह काफी देर तक जगी रह गई थी। उसने हाथ फैला कर अपने साइड में बटन छुआ और लाइट जला दी। एक पल के लिए उसकी आँखों में रोशनी से झिलमिला गई और उसे कुछ अजीब सी टूटने की आवाज़ सुनाई दी।