नील ने बालकनी के दरवाज़े पर ज़ोर से हाथ मारा। "खोलो इसे।"“जाओ यहाँ से। आई हेट यू!“नर्मदा ने चौबीस घंटे से कुछ नही खाया हुआ था। और नील को अब उसे जबरदस्ती कुछ खिलाने की जरूरत थी। “मैं यहाँ तुम्हे कोई प्यार करने के लिए नहीं हूं। यह मेरा काम है जो मैं कर रहा हूं, और उस काम का यह हिस्सा है की मैं तुम्हे वन पीस में डिलीवर कर दूं।”दूसरी तरफ से कोई आवाज़ नही आई, पर कुछ पल बाद बालकनी का स्लाइडर गेट खुला, नर्मदा आई नील पर धाबा बोलने। “क्या सोचते हो तुम मेरे बारे में,