वो रातसुद्धोधन दास जी कोलकाता से दिल्ली रहने आये थेवह यहां कारपेंटर की दुकान खोलना चाहते थेअपने एक दोस्त के पास रुककर दूकान के लिएखाली कमरे की तलाश करने लगे ,,, दिल्ली में खालीदुकान मिलना इतना भी आसान नही था ,, पर तलाशपूरी हुई साथ ही वही रहने की जगह भी मिल गई थीऔर किराया भी कम था तो उस घर के मालिक दिनेशसे बात कर सब कुछ पक्का कर लिया था ,,यह घर संत नगर के बुराड़ी नामक जगह पर था । सुद्धोधन दास ने जब उस जगह और दुकान मिलनेके बारे में बताया तो ,,, उसका दोस्त चौककर