कहानी प्यार कि - 42

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अनिरूद्ध और सौरभ मोनाली के बताए गए पते पर पहुंच चुके थे..फैक्टरी सुमासम नजर आ रही थी .. फैक्टरी का आगे का दरवाजा खुला हुआ था.. अनिरुद्ध और सौरभ जैसे ही दरवाजे के अंदर पहुंचे दरवाजा जोर से बंध हो गया... दोनो धीरे धीरे आगे चल कर जा रहे थे... आगे एक बड़ी सी जगह पर चारो और गुंडे खड़े हुए थे..अनिरूद्ध और सौरभ को आता देखकर उन्होंने बंदूक उनके ऊपर कर दी... सामने उन्हे अखिल और मनीष खुर्सी से बंधे हुए दिखाई दिए... उनकी आंखे बंध थीउनके पीछे साजिद हाथ में बंदूक लिए पीछे मुड़ कर खड़ा हुआ था...