श्यामा के मुँह से यह सुनकर सुशीला थोड़ा हिचकिचाई लेकिन फिर संभल कर बोली, “मैडम आप क्या पूछना चाहती हैं, मैं जानती हूँ? जाने दो ना मैडम, मेरा जीवन तो बिगड़ गया पर आपका सुधरा हुआ है उसे वैसे ही रहने दो। क्यों बिगाड़ना चाहती हो?” “यह बताओ सुशीला कि तुम्हारे साथ जो कुछ भी हुआ वह जबरदस्ती था या तुम्हारी मर्जी के साथ?” “मैडम मैं तो सोलह साल की अल्हड़ थी, माँ बाप मर चुके थे। माँ ने तो काम के दौरान ही दम तोड़ा था। मैं माँ के मरने के बाद मेरी माँ के बदले का काम मांगने