मुस्कराते चहरे की हकीकत - 14

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विवान, अकेला ऑफिस में बैठा हुआ कुछ सोच रहा था तभी यश उसके पास आकर-क्या हुआ ब्रो... इतना उदास क्यों है..?विवान अपने ही ख्यालों में खोया हुआ था, वह बिना यश की तरफ ध्यान दिए- वह जा रही है....यश, उसके पास रखी चेयर पर बैठते हुए-कौन..? अवनी...विवान हा में सिर हिलाता हैयश,हैरानी से- कहां जा रही है..?विवान, उसकी तरफ़ देखकर- पता नहीं ऑफिस के काम से...यश, कुछ देर सोचकर- तो तुम्हें क्या हुआ...?विवान, चेयर से सिर टिकाकर- यार सुबह घर आई थी वो... मैंने पता नहीं क्या-क्या सुना दिया उसे, और यह भी बोल दिया कि मैं उसका चेहरा भी