रॉबर्ट गिल की पारो - 10

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भाग 10 रॉबर्ट सामान वगैरह सहेजने लगा। ‘‘इतनी जल्दी क्या है, रॉबर्ट? पूरे पंद्रह दिन बाद तुम्हारा जहाज है।’’ ‘‘हां!’’ रॉबर्ट अचकचा गया। ‘‘ठीक कहते हो।’’ दोनों उठकर खड़े हो गए। ‘‘चलो थोड़ा टहलते हैं। अच्छा नहीं लग रहा है, घर के भीतर।’’ रॉबर्ट ने कहा। ‘‘फ्लावरड्यू चली गई इसलिए?’’ टैरेन्स ने कहा। रॉबर्ट चौंक पड़ा। फ्लावरड्यू या लीसा उसने अपने आप से पूछा। टैरेन्स समझ गया। बोला- ‘‘लीसा को भूल जाओ रॉबर्ट। समय के साथ चलो। ज़िंदगी के हर मोड़ पर कोई सुखद या दु:खद घटनाएं होती रहती हैं। लीसा की घटना सुखद थी या दु:खद। यह तुम तय