तेरी चाहत मैं - 32

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जब रिया चली गई तो राज अजय के पास आकार बोला "क्या बात है भाई, रिया जी पहले आप अकेले मैं मिलती हैं, वो भी कैफेटेरिया मैं, फिर आप उनको घंटो काम समझाते हैं, क्या बात है!“अबे चुप करो, दिमाग ना ​​पकाओ। अभी काफ़ी ख़र्च हुआ है। चलो कॉफी पीन। बाकी सब कहां हैं!" अजय ने राज से पुछा। "हम सब तो यही हैं, आप ही कहीं और मसरूफ हैं।" सना करीब आते हुए बोली “तुम सब का दिमाग फिर गया है। मैं चला” अजय ने कैफेटेरिया कर रुख किया। पीछे उसे हसने की आवाज़ें आ रही थी। कैफेटेरिया पहुचा