अज़ीन बिना कुछ कहे बस हदीद को देखे जा रही थी। वह जितना उसे देख रही थी हदीद का खून उतना ही ज़्यादा सूख रहा था। “इतने दिन हो गए और अभी तक तुम्हें इसका नाम तक नहीं पता चला?” ज़मान खान को इस बात पर हैरानी हुई थी। उनकी बात पर हदीद का गला सूख गया था सो उसने फिर से पानी पीना शुरू कर दिया। उमैर हदीद की घबराहट को समझ गया था की वह क्यों अज़ीन को अपनी दोस्ती की औफर कर रहा है, उसे हदीद पर हँसी आ रही थी मगर फ़िल्हाल वह अपनी हंसी दबा