जीवन की सीख

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१ सच है, शत्रु से संभलकर और हो सके तो चार हाथ दूर ही रहने में भलाई होती है। २ सीख - बुद्धिमानों की सलाह गंभीरता से लेनी चाहिए। ३. सीख- आपस की फूट सदा ले डूबती है। ४. सीख -- 1. एकता में बल हैं। 2. अहंकारी का देर या सबेर अंत होता ही हैं। ५. सीख- एकजुट होकर बड़ी से बड़ी विपत्ति का सामना किया जा सकता है। ६ सीख- शत्रु को अपने घर में पनाह देना अपने ही विनाश का सामान जुटाना है। ७. सीख- आपसी सद्भाव व प्रेम सदा एक दूसरे के कष्टों को हर लेते