प्राचीन काल में ‘करवा’ नाम की एक पतिव्रता स्त्री अपने पति के साथ नदी किनारे एक गाँव में रहती थी । कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी (चौथ) के दिन उसका पति नदी में स्नान करने के लिए गया । स्नान करते समय एक मगर (मगरमच्छ) ने उसका पैर पकड़ लिया । वह’ करवा करवा’ नाम लेकर जोर-जोर से अपनी पत्नी को पुकारने लगा ।उसकी आवाज सुनकर उसकी पत्नी दौड़कर आई और उसने मगर को कच्चे धागे से बाँध दिया । मगर को बाँधकर वह यमराज के यहाँ पहुँची और यमराज से बोली-भगवान! मगरमच्छ ने मेरे पति का पैर पकड़