अपंग - 70

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70 ------ भानुमति सदा से शिव-रात्रि का व्रत  तो रखती थी लेकिन कभी भी मंदिर नहीं जाती थी | यह बात लाखी बहुत अच्छी तरह से जानती थी | न जाने कितने वर्ष हो गए थे भानु को मंदिर में गए हुए थे | "लाखी ----" अचानक भानु ने कहा | 'जी, दीदी ---" "इस बार मैं मंदिर जाऊँगी ---" अचानक ही भानु ने लखी से कहा | "क्या----दीदी ---?? क्या कह रही हैं आप ? कभी गई हैं क्या ?" उसने तुरंत चौंककर कहा | "क्यों? मैं इतनी पापी हूँ क्या जो मंदिर नहीं जा सकती ?" उसने हँसकर