मुस्कराते चहरे की हकीकत - 8

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अगली सुबह काव्या और करण की मेहंदी और संगीत था तो सबको तैयार होकर अग्रवाल मेंशन जाना था अवनी भी काव्या के साथ अग्रवाल मेंशन पहुंचती हैं। विवान पहले से ही तैयार होकर अवनी का वेट कर रहा था क्योंकि उसे सब जानना था,,, सब लोग कृष्णमूर्ति के घर पहुंचते हैं गिरिराज और अभिषेक भी यही थे अवनी और काव्या सबसे मिलते हैं और फिर मेहंदी की रश्म होती है कुछ देर बाद अवनी वहां से उठकर बाहर आती है और सामने से अभिषेक भी उसी की तरफ आ रहा था,,,,,,,अभिषेक अवनी के पास आकर- हाय..... लड़की वालों की तरफ