साम दाम दंड भेद - अंतिम भाग   

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रामा और महादेव के बीच बातचीत चल ही रही थी कि तभी अचानक दीनू उनके कमरे में आ गया और महादेव के पास बैठकर दुःखी होते हुए कहा, "अंकल मुझे मकान की इस समय बहुत ज़रूरत है। तरुण का विवाह होने वाला है, मैं उन्हें कहाँ रखूँगा। मैंने यह बात राम से कहा था पर…" "दीनू तेरी इसमें कोई ग़लती नहीं है। तूने भी तो कोर्ट केस तब ही किया होगा ना जब सीधी उंगली से घी नहीं निकला होगा। मैं समझ सकता हूँ, मुझे एहसास है दीनू कि तेरे ऊपर क्या गुज़र रही होगी। मैं अभी-अभी उसी परिस्थिति से