भारी भीड़ थी।कैप्टन को बार - बार आकर दखल देना पड़ता था पर लोग थे कि मानते ही नहीं थे। आते - जाते उसी केबिन के बाहर खड़े हो जाते और इधर - उधर ताक- झांक करके पता लगाने की कोशिश करते कि ये कौन से विचित्र जीव हैं जो शिप पर अभूतपूर्व रूप से विशेष सुरक्षा में न्यूयॉर्क ले जाए जा रहे हैं।अब तक कोई भी उन्हें देख नहीं पाया था। सब सुनी- सुनाई बातों के आधार पर ही एक दूसरे को इनके बारे में बता रहे थे या पूछ रहे थे।कोई कहता - मैं तो लोडिंग के समय