द्वादशी व्रतों का माहात्म्य

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"प्रभु ऐसा कौनसा उपवास है।जिसके करने से अच्छे फल की प्राप्ति के साथ मनुष्य का कल्याण भी हो?"राजा युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा था।"राजन जो मनुष्य स्नान आदि नित्य कर्मो से पवित्र होकर मेरी पंचमी के दिन उपवास करता है।तथा तीनो समय मेरी पूजा में संलग्न रहता है।वह सम्पूर्ण व्रतो का फल पाकर मेरे परमधाम में प्रतिष्ठित होता है।"भगवान श्रीकृष्ण बोले।"भगवान।आपकी पंचमी का कौनसा दिन कहलाता है?'"अमावस्या,पूर्णिमा,शुक्ल पक्ष की द्वादशी और श्रवण नक्षत्र युक्त द्वादशी ये तिथियां मेरी पंचमी कहलाती है।""क्या मनुष्य को पांचों तिथियों में उपवास रखना चाहिए?"""हां।लेकिन जो पांचों दिन उपवास न कऊर सके उसे द्वादशी को