नाजायज रिश्ते का अंजाम--6

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लेकिन अचानक दो साल बाद वे मुम्बई में प्रकट हो गए। राजेन्द्र को मुम्बई की एक कम्पनी में नौकरी मिल गयी थी।कम्पनी की तरफ से राजेन्द्र को एक फ्लैट मिल गया थायह घर सुधीर के घर से तो दूर था लेकिन राजू और मोना के स्कूल के रास्ते मे पड़ता था।राजेन्द्र सुबह काम पर चला जाता तब माया फ्री हो जाती।क्या करे?वह अपने घर की बालकनी में आकर खड़ी हो जाती।एक दिन वह बालकोनी में खड़ी होकर सड़क से आने जाने वाले लोगो को देख रही थी।तभी उसकी नजर मोना और राजू पर पड़ी।माया जोर से चिल्लाई,"राजूपर बच्चों ने नही