साम दाम दंड भेद - भाग २ 

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दरअसल रामा की नीयत में खोट आ चुकी थी। उसे यह दोनों कमरे उसके ही लगने लगे थे। उन्हें खाली करने का उसका इरादा बिल्कुल नहीं था। लालच की दीमक ने उस पर पूरी तरह से हमला कर दिया था। उसकी चिकनी चुपड़ी बातों को दीनदयाल अब तक समझ चुके थे कि रामा कमरे हड़प लेना चाहता है। उसने अपनी पत्नी से कहा, "पूनम लगता है तुम्हारी बात सही है। रामा हमारे कमरे खाली करना ही नहीं चाहता।" पूनम ने कहा, "हाँ हमने इतने वर्षों तक उन्हें रहने दिया। कभी किराया तक नहीं बढ़ाया, यह सोचकर कि अच्छे लोग हैं।