मुस्कराते चहरे की हकीकत - 4

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अवनी भी अन्दर काव्या के पास आती हैं और करण और सब से मिलती हैं।कुणाल सामने देखकर- करण भाई, विवान भाई कि कॉलेज गैंग आ गई,,,,,,,, अवनी और बाकि सब सामने देखते है। विवान और उसके दोस्त उनके पास ही आ रहे थे, अवनी हैरानी से उनकी तरफ देखते हुए - विवान अग्रवाल ये है..... काव्या, अवनी से- हा,, अवि यही विवान है जिसके लिए यहां पार्टी रखी गई है,,,,,, काव्या की बात सुनकर अवनी अभी बाहर उसने जो विवान से कहा वह सोचने लगती है और काव्या के पिछे जाकर खड़ी हो जाती हैं।विवान सबके पास आकार खड़ा हो