राजा पुरू ने कहा था कि दूसरे के साथ वैसा ही व्यवहार करो जैसे एक राजा दूसरे राजा के साथ करता है |यह वाक्य स्त्री पुरुष सम्बन्धों को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है |स्त्री सदियों से असमानता के खिलाफ संघर्ष कर रही है पर जब तक पुरूष आगे बढ़कर उसका सहयोग नहीं करेगा ,न संघर्ष समाप्त होगा न अपेक्षित सफलता मिलेगी |आज की स्त्री एक नयी स्त्री है जो ऐसे पुरूष से प्रेम करना चाहती है ,जो उसके प्रति संवेदनशील हो |क्या संवेदनशील पुरूष सिर्फ कल्पना की वस्तु है ?क्या इस दुनिया में उसका कहीं वजूद नहीं ?स्त्री