भ्रम - भाग-15

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पार्ट - 15 शाम के 7 बज रहे थे, सेजू की मां सेजू के आने का इंतजार कर रही थी। उसने सेजू की फेवरेट डिशेज़ तैयार कर रखी थीं, और सेजू का रूम सेजू कि पसंद के हिसाब से तैयार कर दिया था। कमलावती अपने कमरे में ध्यान की मुद्रा में बैठी हुई थी। जैसे ही डोरबैल बजी सपना किचिन के काम-काज छोड़ कर भागी। कमलावती की तंद्रा भी भंग हुई। सपना ने उताबलेपन से दरवाजा खोला तो पाया कि उसकी प्यारी बेटी सेजू अपने लगेज़ के साथ थकी हुई सी सामने खड़ी है। सपना ने सेजू को देखते ही