भ्रम - भाग-11

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सेजू की यह गंभीरता देखकर जयंत झेंपते हुए बोला.."क्या क्या..क्या कर रही हो सेजू हटो, मैं कोई रहस्यमयी नहीं हूं। अब ये भला क्या बात हुई कि कोई आदमी तुम्हारी मदद कर रहा है तो तुम उसपर शंका जाहिर करो। यह कोई बात नहीं हुई.." जयंत सेजू को हटाकर झूले से उठते हुए बोला। "ओह्ह..अच्छा! तो तुम कोई रहस्मयी नहीं हो?" सेजू ने जयंत को घूरते हुए कहा। "अगर ऐसा ही लगता है तुम्हे तो फिर ठीक है; अकेली ही निपटो तुम, मैं चला।" "अच्छा! अच्छा! अब तुम मुझे इस डरावनी दुनिया में अकेला छोड़ जाना चाहते हो??" सेजू नाराज