भ्रम - भाग-10

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प्रिया ने दोनों को नदी में धकेल दिया। "नहीं..नहीं..बचा लो हमें! बचाओ हमें..बचाओ.." दीपक ओर काजल दोनों ही तैरने की कोशिशें कर रहे थे मगर.. लग रहा था जैसे कोई नीचे से खींच रहा था। "बेवकूफो..अब तो तुम्हे भगवान भी नहीं बचा सकता, आखिर तुम लोग ने पाप किया है मेरे साथ..इसकी सजा तो तुम्हे मिलनी ही थी, और मेरे हाथों ही मिलनी थी।" दीपक और काजल नदी में नीचे धसते जा रहे थे और वह आदमी उन दोनों को देखकर खुशी से गुब्बारा हुआ जा रहा था। उसके शब्द शब्द में प्रसन्नता झलक रही थी। वहां बंधे हुए सभी