सेजू को गिरता देख रामकुमारी मोहिनी चिल्लाई; सेजू की ओर गति से भागी। किसी के चेहरे पर सेजू के लिए कोई चिंता नही थी मगर राजकुमारी के इस तरह सेजू के ओर भागना सबको अजीब लगा। सुभासा ने लभगभ सेजू का चेहरा पहचान लिया था मगर वह याद नही कर पा रहा था कि उसने सेजू को आखिर कहां देखा था। बार बार सोचते रहने पर उसे कुछ याद आ ही रह था कि.."सुभासा..जाओ हमारी बाँकी तैयारियां देखो। मैं मोहिनी को संभालता हूँ।" "जैसी आज्ञा! राजा जी!" सुभासा राजा के सामने झुककर बोला। और वहां से चला गया। "सेजू तुम्हे