अपंग - 58

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58 ----- कितना अपमानित महसूस कर रहा था रिचार्ड ! राजेश को इतना संयम और तहज़ीब नहीं थी कि जो उसे अपने पास नौकरी देकर उसका ध्यान रखता रहा है, आज उसी के लिए वह ऎसी बातें बोलकर अपना छोटापन दिखा रहा था | जिसने अपनी पत्नी को छोटा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, बच्चा ! जिसको इतने सालों तक न वह ख़ुद पहचानता था और न ही बच्चा उसे पहचानता था, वही इस प्रकार की बदतमीज़ी कर रह था और उसकी आँखों में शर्म नाम की कोई चीज़ भी नहीं थी | कैसे इतना नीच हो सकता