सुजॉय,इस समय तेजी से अपने समान समेट रहा था। वह जल्दी से अपने सरकारी मकान को खाली कर अपने घर नादिया लौट जाना चाहता था। यहां,उसकी बड़ी पैतृक संपत्ति थी। पिता और भाई का बड़ा कपड़े का कारोबार था। पुलिस में भर्ती वह अपने सोच को साकार रूप देने के लिए हुआ था की न्याय और अपराध में जीत हमेशा न्याय की होती है। इसी समय,दरवाजे पर दस्तक की आवाज सुनकर वह चौका। आगे बढ़ कर दरवाजा खोला तो उसने सामने एसपी अजित मेनन को खड़ा पा कर हड़बड़ा गया। उसने जल्दी से सेल्यूट मारते हुए पूछा - स सर,आप