बादल घिर आए थे और किसी भी समय तेज बारिश हो सकती थी।।आस्था ने जल्दी से अपना पर्स उठाया और बाहर निकलने लगी। तभी उसकी साथी टीचर्स बोलींआस्था थोड़ी देर रुक जाओ। देखो तो बारिश होने वाली है भीग जाओगी।। वैसे भी आज तुम कह रही थी कि सुबह से ही तुम्हें फीवर जैसा लग रहा है!!नहीं मंजुला! नहीं रुक सकती। सुबह बालकनी में कपड़े सूखने के लिए डाले थे। समय से नहीं पहुंची तो भीग जाएंगे और वैसे भी बच्चे भी स्कूल से आ गए होंगे।। रोज-रोज पड़ोसियों को कह भी नहीं सकती। अभी इतनी जान पहचान भी तो