इंसान

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शहर में अचानक दंगे भड़क उठे थे।दो गुटों में मारपीट के बाद हालात बेकाबू होते देख प्रशासन ने पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया। समीर अपने बेटे रोहन के लिए चिंतित था जो शहर के दूसरे छोर पर स्थित अपने स्कूल गया हुआ था और अभी तक घर वापस नहीं लौटा था। अगर उसे जरा भी अंदेशा होता इस तरह दंगे भड़कने का तो वह आज उसे स्कूल ही नहीं भेजता। चिंता के इसी आलम में वह कई बार स्कूल के नंबर पर संपर्क करने का प्रयास कर चुका था लेकिन कई बार बेल जाने के बाद भी किसी ने