चौबीस वर्षीया रजनी की अजीबोगरीब हरकतों से उसकी माँ कमला सकते में थी। बहुत सारे अच्छे रिश्तों को वह ठुकरा चुकी थी। उसे मर्दों और शादी के नाम से भी चिढ थी। एक दिन उसने अपनी माँ कमला को बताया, " माँ ! तुम क्यों मेरी शादी के पीछे पड़ी हो ? शादी करना ही तो जिंदगी का एकमात्र मकसद नहीं होता ? मैंने फैसला कर लिया है कि मैं अपनी सहेली पूजा के संग ही सारी जिंदगी रह लूँगी। उसके और मेरे विचार काफी मिलते जुलते हैं और वह भी मेरे साथ रहने के लिए तैयार है।"हतप्रभ और निराश