सुलोचना।

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अरे राजेश आज बहुत खुश लग रहे हो, राजेश को जल्दी-जल्दी स्कूल का काम ख़त्म करते देख उनके परम मित्र औऱ स्कूल में उनके साथी गोविन्द शर्मा जी बोले. हाँ यार गोविंद आज खुशी अन्दर से बाहर निकलने को बेताब हो रही है.कितना कुछ प्लान कर रखा है मैंने कि रिटायर होने के बाद सुलोचना के साथ क्या-क्या करेंगे. कहाँ-कहाँ जायेंगे. राजेश ने अपना बचा हुआ काम ख़त्म करते हुए कहा. जीवन की आपाधापी औऱ व्यस्तता के चलते कभी अपना जीवन तो जिया ही नहीं. अब पूरी तरह से फ्री होकर जीवन को आनंद से सुलोचना के साथ बिताऊंगा, राजेश