पहाड़ा के बीच घिरा हुआ अपने कुदरत की खूबसूरती की छाप छोड़ते हुए बसा हुआ एक खूबसूरत सा शहर। यह शहर जितना विकसित था, उतना ही खूबसूरत भी था, जैसे यह किसी हिल स्टेशन या वादियों की याद ताजा कर दे। कुदरत के दूसरे तत्वों को बिना कोई नुकसान पहुंचाए ऐसा डेवलप करना उस शहर के लोगों को कुदरत के प्रति प्यार की गवाही देता था।सुबह का वक्त था पूरी जगह में गिरती ओस उसकी वजह से अच्छी ठंडक फैली हुई थी, पहाड़ों के पीछे से धीरे-धीरे करते हुए सूरज अपनी कोमल किरने उस शहर पर बिखेर रहा था।प्रकृति के