1. प्यार व् उम्मीद तुमसे है lहुईं नज़र चार जबसे है ll पगला और दिवाना दिल lपहेली बार देखा तबसे है ll सच मानो प्यारी ग़ज़लों मे lअल्फ़ाज़ नशीले लबसे है ll नहीं डर रहा किसीका lजबसे राबता रबसे है ll हुस्न ने पर्दा जो उठाया lचाँद शर्मिदा अबसे है ll मुकदस है तेरा चहेरा lप्यारी सुबह तुमसे है ll आबिदा हो गई हो सखी lदुआ की बारिस नभसे है ll१-९-२०२२आबिदा - तपस्विनी 2. खुलकर मुस्कुराए जमाना गुजर गया lजुदाई की बात से वजूद बिखर गया ll पल हर के लिए भी दूर नहीं जाएगे lहररोज मिलने के वादे से