प्यार का ज़हर - 41

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राहुल : वैसे दिव्या के मम्मी पप्पा नही है. इसके परिवार से भी कोई सद्श्य अभी तक एक भी नही मिला. हमने बहुत ढूंडा लेकिन.संतोष : दिव्या बेटा आओ मेरे पास आओ. कभी ना खुद्को अकेला मेहसूश मत होने देना. ये दादी और दादाजी तुम्हारे साथ रहेंगे ठीक है. जब तक जिन्दा है और ये राहुल तुम्हे तंग करे ना तो हम दोनो को बता देना ऐसे कान मरोड़ेन्गे ना की सब बात याद दिला देंगे.दिव्या : ठीक है. दादी लेकिन ये ना कभी हमे परेशान नही करते लेकिन उल्टा हम इनको बहुत परेशान करते है. कभी कभी. और अगर