पेहचान - 7

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रात के 2 बज चुके थे, अभिमन्यु घर लौटा , जब वो दरवाजा खोला तब जाकर उसे पीहू का खयाल आया, उसने सोचा की वो खाई भी होगी या नहीं. पर फिर खुदसे बोला हाँ खाई होगी थोड़ी न भूखी मरेगी और वैसे भी बेटा अभिमन्यु तुझे जितनी मदत करनी थी तूने किया बस अब वो जाने, थोड़ी न तेरा उसके साथ कोई रिस्ता है जो तु उसके लिए इतना सोचेगा?. अगली सुबह अभिमन्यु ऑफिस निकल गया, पीहू भी उठकर अपना काम खतम की और अर्जुन के पास जाने के लिए रेडी होने लगी पर तभी उसके फोन पे एक