जौनी ने अपना सर धीरे धीरे उपर उठाया,और अपनी आंखे झुका कर उसने कुबूल किया कि,"हां,मैने ये अपराध किया है"जज़ ने आश्चर्य से उस बूूढे आदमी की ओर देखा,जो कटघरेे मे सर को झुुुकाये खडा था,जो तन पर मैले कुुुचैले कपडे पहने थाबाल और दाढी महीनो से लगता था नहीं बने है,लग रहे थेतन कमजोर,मन कमजोर, उमर कोई 70 से उपर,पर चेहरे से शालीन दिखता था।जज साहेब ने,मुलायमियत से पूछा"आप करते क्या हैं?""कुछ अगर करने को होता,तो शायद यहां नहीं होता""म...म..मेरा मतलब ये है कि पहले क्या करते थे""फिल्मी दुनिया मे था साहेब,मशहूर संगीतकार शंकर जयकिशन के ग्रुप मे वायलिन