अछूत कन्या - भाग १९

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गंगा ने अपने अम्मा बाबूजी को समझाते हुए कहा, “आप एक बार बैठ कर विवेक की पूरी बात सुन तो लो। क्या आपको लगता है कि आपकी गंगा कभी भी कोई ग़लत निर्णय लेगी। आज यह पता चलने के बाद कि विवेक उसी गाँव के सरपंच का बेटा है; आप ही की तरह मेरी भी वही प्रतिक्रिया थी। मैं भी वहाँ से उठ कर चली जाना चाहती थी। लेकिन विवेक की सोच और उसकी बातों ने मुझे मजबूर कर दिया और मैं आपसे मिलवाने उसे यहाँ ले आई। उस दिन की वह घटना जिस तरह हमें याद है उसी तरह